World Aids Day 2019: दुनियाभर में हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है। विश्व एड्स दिवस 2019 को मनाने का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। बात दें, सबसे पहले इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत WHO में एड्स जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के दो व्यक्तियों ने अगस्त 1987 में की थी।
UNICEF की रिपोर्ट की मानें तो 36.9 मिलियन लोग HIV के शिकार हो चुके हैं। जबकि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी (HIV) के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन बताई जा रही है।
क्या है एचआईवी एड्स –
एचआईवी एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। जिसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है। जबकि लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। इस रोग में जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है। जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी अक्षम होने लगता है। खास बात है कि ये बीमारी तीन चरणों (प्राथमिक चरण, चिकित्सा विलंबता होना और एड्स) में होती है।
एचआईवी के लक्षण-
-बुखार
-पसीना आना
-ठंड लगना
-थकान
-भूख कम लगना
-वजन घटा
-उल्टी आना
-गले में खराश रहना
-दस्त होना
-खांसी होना
-सांस लेने में समस्या
-शरीर पर चकत्ते होना
इस वजह से होता है एड्स-
-असुरक्षित यौन संबंध बनाने से
-संक्रमित खून चढ़ने से
-HIV पॉजिटिव महिला से उसके होने वाले बच्चे को
-इस्तेमाल की हुई संक्रमित सुई को दूसरी बार इस्तेमाल करने से
एड्स से बचाव-
-पीड़ित व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित न करें।
-खून को अच्छी तरह जांच करवाने के बाद ही उसे चढ़वाएं।
-उपयोग की हुई सुई या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उनके एच.आई.वी. संक्रमित होने की संभावना हो सकती है।
-दाढ़ी बनवाते समय नाई से हमेशा नया ब्लेड इस्तेमाल करने के लिए कहें।
-एड्स के उपचार में एंटी रेट्रोवाईरल थेरपी दवाईयों का उपयोग किया जाता है। इन दवाइयों का मुख्य उद्देश्य एच.आई.वी. के प्रभाव को काम करना, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और अवसरवादी रोगों को ठीक करना होता है।
वर्ल्ड एड्स डे 2019 की थीम-
बात अगर वर्ल्ड एड्स डे 2019 की थीम की करें तो इस बार की थीम है कम्युनिटीज मेक द डिफरेंस। जबकि साल 2018 में वर्ल्ड एड्स डे की थीम’ अपनी स्थिति जानें’ था। जिसका मतलब था कि हर इंसान को अपने एचआईवी स्टेटस की जानकारी होनी चाहिए।
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